क्या है अल्जाइमर?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अल्जाइमर की स्थिति होने पर मस्तिष्क की कोशिकाओं का एक दूसरे से जुड़ाव कम हो जाता है जिससे व्यक्ति के मस्तिष्क के काम करने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है. ऐसे में व्यक्ति का नर्वस सिस्टम सही से काम नहीं करता. इसके बाद व्यक्ति की सोचने समझने की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है. और फिर वो हर छोटी-बड़ी बातों को भूलने लगता है. धीरे-धीरे ये चीजें व्यक्ति पर हावी होने लगता है और एक समय ऐसा भी आता है जब इंसान बोलने में भी अटकने लगता है. बता दें कि अभी तक इसके होने का सटीक कारण पता नहीं चल पाया है. हालांकि अभी इस पर रिसर्च जारी है. लेकिन कुछ मामलों में डॉक्टर्स का मानना है कि ये जेनेटिक हो सकते हैं.
इन संकेतों से हो जाएं सावधान
वैसे तो अल्जाइमर के कोई सटीक संकेत नहीं है, जिसकी मदद से ये पता लगाया जा सके कि किसी व्यक्ति को अल्जाइमर की बीमारी है. लेकिन अगर कोई व्यक्ति अपनी छोटी-बड़ी बातों को बड़ी जल्दी भूल जाता है तो ये अल्जाइमर के शुरूआती संकेत हो सकते हैं. अगर कोई व्यक्ति ठीक से बोलने में अक्षम है और वो अटक-अटक कर बोलता है तो ये भी अल्जाइमर के संकेत हो सकते हैं. कई बार कुछ लोगों के व्यवहार में अचानक से बदलाव आने लगता है. कहते हैं जानवरों को भी अपने घर का रास्ता पता होता है और शाम ढलते वे अपने घरों में लौट आते हैं. लेकिन कोई व्यक्ति अपने घर का रास्ता भूल जा रहा है तो ये भी संकेत हो सकते हैं. वैसे तो ये बीमारी 60 वर्ष के बाद होती है. लेकिन कई बार विटामिन बी12 या थायराइड असंतुलन से भी ऐसी समस्याएं हो सकती हैं. लेकिन ये अल्जाइमर के कारण नहीं होता. शरीर में बी12 और थायमिन की कमी से भूलने की प्रॉब्लम हो सकती है.