Sunday, April 20, 2025
Home स्वास्थ्य प्रेग्नेंसी में महिलाएं ऐसे सोने की भूलकर भी न करें गलती, बढ़...

प्रेग्नेंसी में महिलाएं ऐसे सोने की भूलकर भी न करें गलती, बढ़ सकती हैं मुस्किलें

प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई चीजों को लेकर सावधानियां बरतने की जरूरत होती है, जिसमें खान- पान से लेकर सोना-बैठना कई चीजें शामिल है. अगर प्रेग्नेंसी के दौरान कोई भी गलती करते हैं तो इसका सीधा असर आपके गर्भ में पल रहे शिशु पर पडता है. इस लिए प्रेग्नेंसी में महिलाओं को डाइट के साथ-साथ स्लीपिंग पोजीशन पर भी अच्छे से ध्यान देने की जरूरत होती है. क्योंकि प्रेग्नेंसी में गलत स्लीपिंग पोजीशन का सीधा असर आपके गर्भ में पल रहे शिशु पर पडता है। ऐसे में आज हम आपको इस लेख में बताएंगे प्रेग्नेंसी में सही स्लीपिंग पोजीशन के बारे में।

प्रेग्नेंसी में पेट के बल सोन से बचना चाहिए
प्रेग्नेंसी में महिलाओं पेट के बल सोने से बचना चाहिए. क्योंकि इसका सीधा असर आपके गर्भ में पल रहे शिशु पर पडता है. ऐसे में शरीर में रक्त प्रवाह कम हो जाता है, जिससे शरीर में ऐंठन, दर्द हो सकता है और बच्चे पर भी गलत प्रभाव पड़ सकता है।

प्रेग्नेंसी में बैठकर नहीं सोना चाहिए
प्रेग्नेंसी में कुछ महिलाएं काम के दौरान थकान और कमजोरी के कारण बैठकर सो जाती हैं, जिसकी वजह से उनका शरीर पूरी तरह से आराम नहीं कर पाता है. ऐसे में आपको काफी थकान फील हो सकती है. लेकिन प्रेग्नेंसी में बैठकर सोने से बचना चाहिए।

प्रेग्नेंसी में सोने का सही तरीका
गर्भावस्था के दौरान बायीं करवट सोने की कोशिश करे. इस दौरान अपने पैरों के बीच तकिया रखें, इससे आपकी जांघों को आराम मिलता है।

पहली तिमाही
गर्भावस्था के दौरान पीठ के बल सोना ठीक है, लेकिन एक तकिया पैरों के बीच में रखें ताकि पैर थोड़े मुड़े रहें।
प्रेग्नेंसी में बाएं ओर सोना भी अच्छा है, इससे रक्त संचार बेहतर होता है।

दूसरी तिमाही
गर्भावस्था के दौरान बाएं ओर सोना जारी रखें।
प्रेग्नेंसी में तकिया का उपयोग करें ताकि गर्भ के बढऩे से पीठ दर्द न हो।

तीसरी तिमाही
बाएं ओर सोना जारी रखें, इससे रक्त संचार और बच्चे की गति बेहतर होती है।
तकिया का उपयोग करें ताकि पीठ दर्द न हो और गर्भ का दबाव कम हो।
पैरों को थोड़ा ऊपर उठाकर सोने से रक्त संचार बेहतर होता है।

RELATED ARTICLES

हर बार खाना खाने के बाद पेट क्यों फूल जाता है?

पाचन स्वास्थ्य को पूरे शरीर का केंद्र माना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, अगर आपका पाचन ठीक है तो ये संकेत है कि...

गर्मियों में मधुमेह का बढ़ता जोखिम: कारण क्या हैं और कैसे करें कंट्रोल?

अप्रैल के तीसरे हफ्ते में ही पूर्वी भारत के अधिकतर राज्यों में पारा 40 के पार होने लगा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जिस...

“कम उम्र में फैटी लिवर का खतरा: युवाओं में क्यों बढ़ रही है यह समस्या?”

लाइफस्टाइल और आहार की गड़बड़ी ने कई प्रकार की बीमारियों के खतरे को काफी बढ़ा दिया है। इसका संपूर्ण स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर देखा...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

हर बार खाना खाने के बाद पेट क्यों फूल जाता है?

पाचन स्वास्थ्य को पूरे शरीर का केंद्र माना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, अगर आपका पाचन ठीक है तो ये संकेत है कि...

दुर्घटनाओं पर लगेगा लगाम, एक जुलाई से शुरू होगा नया उपकरण सिस्टम

नई दिल्ली। बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सड़क सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए...

मुख्यमंत्री धामी का निर्देश: शैक्षणिक संस्थानों में हों विशेष योग शिविर

देहरादून। ग्राम स्तर तक योग अभियान चलाया जाए। विद्यालयों और महाविद्यालयों में विशेष योग शिविरों का आयोजन किया जाए। योग पर निबंध, भाषण, पोस्टर...

मुख्यमंत्री ने सुनी जनता की आवाज, अफसरों को दिए समाधान के सख्त निर्देश

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगों की समस्याओं...

Recent Comments