Sunday, January 12, 2025
Home उत्तराखंड शारदीय नवरात्र के नवम दिन सीएम धामी ने किया कन्याओं का पूजन

शारदीय नवरात्र के नवम दिन सीएम धामी ने किया कन्याओं का पूजन

देहरादून। शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि पर माता दुर्गा के आखिरी स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की गई। नवरात्र के नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान के साथ पूजा करने का विधान होता है और महा अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन करते हुए मां की विदाई होती है। शुक्रवार को घरों और मंदिरों में कन्यापूजन किया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासकीय आवास पर शारदीय नवरात्र के नवम् दिवस पर अष्ट सिद्धियों की दात्री मां सिद्धिदात्री की आराधना कर लोक कल्याण के लिए प्रार्थना की। साथ ही सम्पूर्ण विधि-विधान से देवी स्वरूपा कन्याओं का पूजन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आदिशक्ति मां भगवती सभी प्रदेशवासियों का कल्याण करें और उन्हें सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करें, ऐसी कामना करता हूं। इस बार शारदीय नवरात्रि पर दो तिथियां एक ही दिन पड़ने की वजह से अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति थी।

लोगों के मन में यह भ्रम बना है कि महा अष्टमी और नवमी तिथि 11 अक्तूबर को मनाएं या फिर 12 अक्तूबर को। शास्त्रों में नवरात्रि पर अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन करने का विशेष महत्व होता है।
पंचांग की गणना के मुताबिक आश्विन माह की अष्टमी तिथि की शुरुआत 10 अक्तूबर को हो गई, जिसका समापन 11 अक्तूबर को दोपहर 12 बजकर 7 मिनट पर हुआ। इस तरह से अगर उदया तिथि के आधार पर बात करें तो अष्टमी तिथि 11 अक्तूबर को ही मनाई गई। जिन लोगों ने अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन किया। उन लोगों ने 11 अक्तूबर को दोपहर अष्टमी तिथि के समापन के पहले तक पूजा संपन्न कर व्रत का पारण कराया।
नवरात्रि में व्रत रखने के बाद कन्या पूजन करने से माता रानी प्रसन्न होती हैं। सुख-समृद्धि, धन-संपदा का आशीर्वाद देती हैं। इसके साथ ही कन्या पूजन करने से कुंडली में नौ ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है। कन्या पूजन करने से माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  • 2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्या की पूजा करने से व्यक्ति को अलग-अलग फलों की प्राप्ति होती है। जैसे कुमारी की पूजा करने से आयु और बल की वृद्धि होती है।  त्रिमूर्ति की पूजा करने से धन और वंश वृद्धि, कल्याणी की पूजा से राजसुख, विद्या, विजय की प्राप्ति होती है।  कालिका की पूजा से सभी संकट दूर होते हैं और चंडिका की पूजा से ऐश्वर्य व धन की प्राप्ति होती है। शांभवी की पूजा से विवाद खत्म होते हैं और दुर्गा की पूजा करने से सफलता मिलती है। सुभद्रा की पूजा से रोग नाश होते हैं और रोहिणी की पूजा से सभी मनोरथ पूरे होते हैं।
RELATED ARTICLES

नशामुक्त उत्तराखंड की दिशा में तेजी से बढ़ रहा राज्य: मुख्यमंत्री धामी

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा विषय पर आयोजित...

जौलीग्रांट एयरपोर्ट से पहली बार तीन शहरों के बीच शुरू होगी विमान सेवा

देहरादून। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर यह पहला मौका होगा जब एक फ्लाइट एक साथ तीन शहरों को आपस में जोड़ेगी। इंडिगो का 186 सीटर विमान भुवनेश्वर-देहरादून-श्रीनगर...

सीएम धामी ने बरेली में उत्तरायणी मेले का उद्घाटन किया

देहरादून/बरेली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बरेली पुलिस लाइन में 29 वें उत्तरायणी मेले में प्रतिभाग करते हुए मेले का शुभारंभ किया।उन्होंने कहा कि...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

प्रधानमंत्री मोदी: सोशल मीडिया ने सत्यापन के माध्यम से लोकतंत्र को किया मजबूत

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिरोधा के सह संस्थापक निखिल कामथ के साथ अपने पहले पॉडकास्ट में कहा, मैं ऐसे राज्य से आता...

क्या रोज दूध पीने से कम होता है आंतों के कैंसर का खतरा? जानें विशेषज्ञों की राय

अच्छी सेहत के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को स्वस्थ और पौष्टिक चीजों को सेवन की सलाह देते हैं। ज्यादातर विशेषज्ञ कहते हैं कि...

नशामुक्त उत्तराखंड की दिशा में तेजी से बढ़ रहा राज्य: मुख्यमंत्री धामी

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा विषय पर आयोजित...

हिना खान ने कैंसर के इलाज के साथ काम करने के अपने अनुभव पर की बात

एक्ट्रेस हिना खान उर्फ 'शेर खान' टीवी, फिल्म में मजबूत किरदार निभाने के लिए जानी जाती हैं। अभिनेत्री अपनी प्रोफेशनल लाइफ के अलावा अपनी...

Recent Comments